Written by Aaloka Kanhere. Created for Chakmak.
When we were children, we took it for granted that in almost every mathematics problem in the book, there would be some three characters - Ramu, Abdul and Jacob or such likes - doing identical tasks. Now days, finding such opportunities is becoming a luxury in India. Government-regulated books barely mention non-Hindu names or histories. Which is also why, on top of being a totally fun math-story, 'Paratha, Sikke Aur Dosti' by Aaloka Kanhere, created for Chakmak (Eklavya), was so nice to work on. We have been working on math articles for a while now for the magazine. I love how most of Aaloka's math nerds are girls and women - such as Reshma - in this story - peeping out of the bottom corner in the last slide.
This story has been inspired by 'A fair division' by T. V. Padma in the book 'Mathematwist'
जब हम बच्चे थे, हम मान ही लेते थे कि किताब में गणित की लगभग हर समस्या में, कुछ तीन पात्र - रामू, अब्दुल और जैकब या ऐसे ही - समान कार्य करते होंगे। आजकल भारत में ऐसे अवसर ढूंढना एक विलासिता बनती जा रही है। सरकार द्वारा विनियमित पुस्तकों में बमुश्किल गैर-हिंदू नामों या इतिहास का उल्लेख होता है। यह भी एक कारण है कि, चकमक (एकलव्य) के लिए बनाई गई अलोका कान्हेरे की मजेदार गणित-कहानी 'पराठा, सिक्के और दोस्ती' पर काम करने में मुझे इतना मज़ा आया। हम पिछले कुछ समय से पत्रिका के लिए गणित लेखों पर काम कर रहे हैं। मुझे इसमें बहुत मज़ा आता है कि आलोका की अधिकांश गणित एक्सपर्ट लड़कियां और महिलाएं हैं - जैसे कि इस कहानी में रेशमा - आखिरी स्लाइड में निचले कोने से बाहर झाँक रही हैं।
यह कहानी मैथट्विस्ट किताब में टी. वी. पद्मा की कहानी 'ए फेयर डिविज़न' से प्रेरित है।
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